Sunday, December 14, 2008

पाकिस्तान से मिले कुछ ख़त जिन्हें पढ़ना बहुत ज़रूरी है

मुम्बई के बम विस्फोट के बाद बिना कुछ भी भूले अपने काम में लगा ही था कि कुछ अजीब से खत पकिस्तान से मिले. इन्हें पढ़ा तो बहुत बैचेनी महसूस हुई. समझ नहीं आता कि क्या निष्कर्ष निकालूं. जेहन की बात दिल नहीं मानना चाहता. लेकिन कहीं-न-कहीं एक छोटा शक सा घर कर गया है कि इस्लाम कठमुल्लों के चंगुल में इतना गहरा फंस गया है कि अब निकलना मुश्किल है.

असल में इनकी शुरुआत बहुत पहले हुई. कुछ महीनों पहले एक सामान पाकिस्तान के लोगों ने भी इन्टरनेट के द्वारा उस फर्म से खरीदा जिसमें मैं काम करता हूं. ये तो एक इन्टरनेशनल बिज़नेस ट्रांसेक्शन था जैसा अमेरिका और युरोप और विश्व के बाकि देशों के साथ हमारा होता ही रहता है. तो इसी दौरान मेरी उस खरीददार से ई-मेल पर काम के सिलसिले में बात हुई. और जैसा कि हमें पता है outlook express में जब भी हम किसी को जवाब देते हैं तो उस व्यक्ति का ई-मेल पता अपने-आप हमारी outlook एड्रेस बुक में आ जाता है. तो शायद मेरा पता भी पाकिस्तान के उस व्यक्ति की एड्रेस बुक में दर्ज होगा.

बम विस्फोटों के बाद उस लाहौर के इस सोफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी एड्रेस बुक में दर्ज सभी लोगों को एक ई-मेल भेजी जो शायद उसके इरादे के बिना मुझे भी मिली क्योंकि उस एड्रेस बुक में मैं भी था. उस ई-मेल का टाइटल यूं था...

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"Muslim Students in Indian University... Plz see attachment"

M**** A*****

[सारे नाम छुपा दिये गये हैं.]

और साथ में एक विडियो attached था, उसे आप यहां से देख सकते हैं. (जो लोग आसानी से परेशान हो जाते हैं, वो न देखें)

http://esnips.com/web/noiwontshutupstuff

इस विडियो में भीड़ को कुछ लोगो को बुरी तरह मारते दिखाया है और पुलिस तमाशा देख रही है. सुझाव यह है कि भीड़ जिन्हें मार रही है वो लोग मुस्लिम हैं. और उनका गुनाह है कि वो लोग मुस्लिम हैं.

विडियो को देखकर बैचेनी से भर उठा, लेकिन इस तरह की कोई काम मुसलमानों के खिलाफ हुआ है, उसपर मुझे यकीन न था. शायद उस लिस्ट में बाकी 1-2 हज़ार लोगों में भी ऐसे कुछ लोग होंगे जो अभी तक rational हों. तो उनमें से एक ने सारी लिस्ट को एक ई-मेल भेजी.

A***, I dont think its related to muslims as  i have seen this video from some other source one month back and that source explains it as the clash between university groups which happens everywhere in the world. Please do confirm and update all of us.

regards,
I****** H*******

अनुवाद:
आ****, मुझे नहीं लगता कि इसका मुसलमानों से कोई वास्ता है क्योंकि एक महीने पहले मुझे यह कहीं और से मिली और वहां से पता लगा था कि इसमें युनिवर्सिटी के कुछ ग्रुपों कि लड़ाई है, जो सारी दुनिया में हो सकती है. कृपया बात को साफ करके हम सबको बतायें.

इस इन्सान कि मेल पढ़कर मुझे कुछ सुकून सा महसूस हुआ. मैंने नीचे दी गयी मेल उस लिस्ट के सभी लोगों को भेजी.

I have heard no reports of any violent incident against muslims in India after the bomb attacks. This could be negative propaganda. I think negative propaganda of any kind (against India, or against Pakistan) hurts both our countries.

Hopefully, we will be able to restrain ourselves and refrain from contributing in spreading any hate.

Peace to Earth.

Regards

अनुवाद:
मैंने मुम्बई बम धमाकों के बाद मुसलमानों के खिलाफ किसी भी हिंसक कार्यवाही की खबर नहीं सुनी. यह दुष्प्रचार लगता है. मुझे लगता है कि किसी भी प्रकार का दुष्प्रचार (हिन्दुस्तान, या पाकिस्तान के खिलाफ), हम दोनों के देशों को नुक्सान पहुंचाता है.

आशा है कि हम खुद पर काबू रख पायेंगे, और नफरत को फैलाने में मदद करने से बचेंगे.

धरती पर शांती हो.

मेरी मेल का जवाब कुछ यूं मिला.

Hi,
Yes we agreed that most of the people in both sides do a lot of negative propoganda but this is a fact that there are 39 separation groups fighting in INDIA and the only reason is indian hindu mentality

F***** I*****

अनुवाद:
हां हम मानते हैं कि दोनों तरफ के लोगों द्वारा बहुत सारा दुष्प्रचार किया जाता है, लेकिन यह सच्चाई है कि हिन्दुस्तान में 39 अलगाववादी संगठन काम कर रहे हैं और सिर्फ इसका एक कारण है -- हिन्दू मानसिकता.

मैंने इसका जवाब यूं दिया

Hello,
I wonder how many separatist groups are fighting in Pakistan? Is it any less hurt by terrorism than India? Sitting from the other side of the fence, you can't judge what kind of 'mentality' is the hindu mentality. That's just another term you can coin, like the americans have coined 'islamic terror'.
Think about that please.

अनुवाद:
और कितने अलगाववादी संगठन पाकिस्तान में कार्य कर रहे हैं? क्या पाकिस्तान को आतंकवाद ने हिन्दुस्तान से कम नुक्सान पहुंचाया है? दीवार के उस तरफ बैठकर आप कैसे जान सकते है कि किस प्रकार की 'मानसिकता' हिन्दू मानसिकता है. यह तो एक शब्द है जो आपने बना लिया, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार अमेरिकीयों ने मुस्लिम आतंकवाद बनाया.

कृपया इस बारे में सोचिये.

इस मेल का कोई जवाब नहीं आया. लेकिन I**** H**** की मेल का जवाब एक कठमुल्ले ने कुछ यूं दिया.

Just like there is a Muslim for the sake of Allah, there is a new phenomenon of a Muslim for the sake of the disbelievers. And just like the Muslim for the sake of Allah does everything thinking what will Allah will think of me, the Muslim for the sake of the disbelievers does everything thinking what the disbelievers would think of him. So when a Muslim speaks out he does so to please Allah and when our other Muslim does not speak out he does so in order to please the disbelievers. When a Muslim fights he does so for the sake of Allah and when this other Muslim does not fight -even though he has every reason to do so- he does that in order not to displease the disbelievers. Obviously this is not expressed as such but is packaged in nice terms such as 'this is not good for dawa', or 'this would turn away the people from Islam'.
Allah says: "It is not your responsibility to guide people but it is Allah who guides whomever He wills"
This Muslim is obsessed with his image in front of the disbelievers. He is so obsessed with it that it becomes his standard for wala and bara. So he loves the Muslims who present the 'good boy' image to the disbelievers and he despises the Muslims who give Muslims a 'bad name'.
Rasulullah (saaws) says: One of you does not achieve full Imaan until he loves for Allah, dislikes for Allah, gives for Allah and holds back for Allah.
This Muslim is so aggressive and intolerant with his fellow Muslims but is tolerant and kind towards the disbelievers. He is an extremist with Muslims and a moderate with disbelievers.
Whenever the interests of the disbelievers are threatened or harmed by Muslims he is the first to jump to their defense. He would speak against his brothers and betray them. He may even advise Muslims to spy against one another and report to the authorities. For him fighting for Islam, and for the ummah is terrorism, but he manages to shop for a fatwa that would allow him to serve in the armies of the disbelievers and fight against his brothers. Being a Muslim for the sake of the disbelievers permeates his every action. If he meets a Muslim he frowns and if he meets a disbeliever his face beams with a smile.
Infact there are some Muslims who are so much Muslim for the sake of kuffar that they do not even like Muslims who call the kuffar kuffar!

A***** M*****

अनुवाद: (यह है कठमुल्लों के विचार)
जिस प्रकार कुछ मुसलमान अल्लाह के लिये होते हैं. आजकल एक मुसलमानों कि एक नई पैदावार काफिरों के लिये भी हो रही है. और जिस प्रकार अल्लाह का मुसलमान हर काम यह सोचकर करता है कि अल्लाह इसके बारे में क्या सोचेगा, काफिरों का मुसलमान हर काम यह सोच कर करता है कि काफिर उसके बारे में क्या सोचेंगे. अल्लाह का मुसलमान अल्लाह को खुश करने के लिये बोलता है, और दूसरा मुसलमान जब बोलता है तो काफिर को खुश करने के लिये. एक मुसलमान लड़ता है अल्लाह के लिये, और दूसरा लड़ता ही नहीं है, जब कि हर कारण है -- वो ऐसा करता है कि काफिर नाराज़ न हों. जाहिर है इस बात को अच्छे शब्दों में कहते हैं, जैसे कि यह इस्लाम के लिये अच्छा नहीं है, या यह लोगों को इस्लाम से विरत करेगा.

अल्लाह ने कहा है - "तुम्हारी जिम्मेदारी लोगों को रास्ता दिखाने की नहीं है, क्योंकि अल्लाह जिसको रास्ता दिखाना है, दिखा देता है."

यह मुस्लिम काफिरों के सामने अपनी इमेज के लिये परेशान रहता है. He is so obsessed with it that it becomes his standard for wala and bara. इसलिये वो उन मुसलमानों को प्यार करता है जो काफिरों के सामने 'अच्छे लड़के' की इमेज प्रस्तुत करते हैं, और उन्हें नफरत करता है जो मुसलमानो को 'बदनाम' करते हैं.

रसूल-अल्लाह ने कहा है: तुममें से एक भी पूरा ईमान तब तक नहीं प्राप्त कर सकता जब तक वो अल्लाह के लिये प्यार न करे, अल्लाह के लिये नफरत न करे, अल्लाह के लिये सर्वस्व न दे, और अल्लाह के लिये देने से इंकार न करे.

काफिरों का मुसलमान अपने साथी मुसलमानों के लिये हिंसक और intolerant होता है, लेकिन काफिरों के लिये tolerant और दिलदार. वो अतिवादी है मुसलमानों के साथ, और मोडरेट है काफिरों के साथ. जब भी काफिरों को मुसलमानों से कोई भी नुक्सान होने की संभावना हो तो वो उनके बचाव के लिये कूद पड़ता है. वो अपने भाई के खिलाफ बात करता है, और उसे धोखा देता है. वो मुसलमानों को मुसलमानों पर ही जासूसी करके प्रशासन को इत्तला देने के लिये उकसा भी सकता है. उसके लिये इस्लाम और उम्माह के लिये लड़ाई आतंकवाद है. लेकिन वो उस फतवे का इंतजाम कर लेता है जिसमें उसे काफिरों की फौज में भर्ती होकर अपने भाई के खिलाफ लड़ने की इजाजत मिल जाये. काफिरों का हित उसके हार कार्य में झलकता है. अगर वो किसी मुसलमान से मिले तो भौहों में बल पड़ जाते हैं, लेकिन काफिर से मिलने पर चेहरे पर खुशी आ जाती है.

यहां तक कुछ मुसलमान कुफ्र के इतने हिमायती हैं कि वह उन मुसलमानों को भी नापसंद करते हैं जो कुफ्र को कुफ्र कहते हैं.

मुझे तरस आता है I***** H***** पर. यह मेल A**** M**** ने लिस्ट के सभी आदमियों को CC की थी.

अब एक मेल इस सारी बातचीत की शुरुआत करने वाले, यानी वीडियो भेजने वाले लाहौरी सोफ्टवेयर इंजीनियर ने भेजी.

Dear All,
specially Ishfaq Bhai

Yeah I am not sure about the video I forward to you people. But, we all know that Indian Hindus are always being very extremist against Muslims. Indian media is representing inverse picture to the world. I believe India is involve in most of terrorist activities in Pakistan. They are using Innocent people for their purpose after brain washing them or cashing their situation. As most of them have lost their families during all this and they are blind out of mind out of religion. Thousands of people in Pakistan have lost their lives and people have proved the out of border intervention.

But Pakistanis needs very strong and confirmed evidence against India. Why, I said why. If Indian, American etc have negatively presented the Muslims all our the world without any proof [which has been found very effective].  Then why we need evidence, even we know that they are actually doing that. Why Pakistani govt and people always being ignorant and silent.

Then I want to say that even if it was some other issue. We have to present Hindus this way. I can go for propaganda even.

Regards,
M**** A*****

अनुवाद:
हां मुझे इस वीडियो पर पूरा यकीन नहीं है. लेकिन हम सभी को पता है कि हिन्दुस्तान के हिन्दू मुसलमानों के खिलाफ हमेशा अतिवादी रहे हैं. हिन्दुस्तानी मीडिया तस्वीर को उलट कर दुनिया को दिखा रही है. मुझे लगता है हिन्दुस्तान का पाकिस्तान में हुई ज्यादातर आतंकवादी कार्यवाहियों में हाथ है. वो लोग निर्दोषों का इस्तेमाल उन्हें ब्रेनवाश कर, या उनकी स्थिति का फायदा उठाकर कर रहे हैं, क्योंकि उनमें से ज्यादातर ने अपने परिवारों को इस के दौरान खो दिया है, और धर्मांधता में वो अंधे हो गये हैं. पाकिस्तान में हजारों लोगों ने अपनी जानें गंवा दी हैं, और बार्डर पार का हाथ होना लोगों ने साबित कर दिया है.

लेकिन पाकिस्तानियों को हिन्दुस्तान के खिलाफ बहुत मजबूत सबूतों की जरुरत है. क्यों? मैंने कहा क्यों? जब हिन्दुस्तानी, अमेरीकी, आदी मुसलमानों की गलत तस्वीर दुनिया को दिखा रहे हैं बिना सबूतों के [जो कि बहुत effective रहा है]. तो हमें सबूत क्यों चाहिये, जबकी हमें पता है वो ऐसा कर रहे हैं. पाकिस्तानी शासन और अवाम हमेशा अनजान और चुप क्यों है?

तो मैं यह कहना चाहता हूं कि चाहे बात कूछ और भी हो, हमें हिन्दुओं को इसी तरह से दिखना है. मैं दुष्प्रचार भी कर सकता हूं.

फिर एक मेल कुछ यों आई

aslam u alaikum A****
kindly try to avoid sending such conent emails, this can be harmful for heart patients ( young ppl can also be heart patients but not aware of it as they might not have consulted a doc for complete diagnosis).

i, myself, felt really bad the whole day after watching this video.

regards,
M***** M****

अनुवाद:
अस्सलाम उ आलेकुम A****
कृपया इस तरह की चीजें भेजने से बचो, यह दिल के मरीजों के लिये घातक हो सकता है (जवान लोग भी दिल के मरीज हो सकते हैं, और उन्हें डाक्टर से मिले बिना इसका पता भी नहीं हो)

खुद मुझे सारे दिन बुरा लगा इस वीडियो को देखकर

और इस बातचीत में आखिरी मेल जो दो दिन पहले मुझे मिली थी, वो यूं थी

AOA all,
Yes we should not post these kind of things, this will lead younger generation to wrong direction. My brother was sitting with me and I asked him to see what indians doing with muslims in india, after watching this video, he got disturbed and could not sleep all night and other day he asked me we should stop all this, and he said I want to do Jehad against them after watching this video.
So kindly dont post such things with the name of Islam as this will be harmfull for Younger generation.
Thanks
U*****

अनुवाद:
हां हमें ऐसी चीजें नहीं डालनी चाहिये, इससे नई पीढ़ी गलत दिशा में भटक सकती है. मेरा भाई मेरे साथ बैठा था, और मैंने उससे कहा कि देखो हिन्दुस्तानी मुसलमानों के साथ क्या कर रहे हैं. उस वीडियो को देखकर वो इतना परेशान हो गया की सारी रात सो नहीं पाया, और दूसरे दिन उसने मुझसे कहा कि हमें इस सब को रोकना चाहिये, और उसने कहा कि वो उन के खिलाफ इस वीडियो को देखने के बाद जेहाद करना चाहता है.

तो कृपया इस्लाम के नाम पर इस तरह की चीजें डालना बंद करो, क्योंकि यह नई पीढ़ी के लिये नुक्सान देह है.

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यह बातचीत बेवकूफ आतंकवादियों के बीच नहीं, बेहद पढ़े-लिखे, जिम्मेदार, समाज के उच्च वर्ग के लोगों के बीच थी.

मैं इस सब को पढ़कर इतना परेशान हो जाता हूं कि सोचना बंद कर देता हूं. अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा हूं... न ही लगता है पहुंच पाऊंगा. बस अब एक फैसला कर लिया है कि किसी पाकिस्तानी से कोई व्यापार में हिस्सा नहीं लूंगा ताकी इस तरह की चीजें फिर न देखने को मिले और मैं अपने मिथकों में जी सकूं.

Monday, December 1, 2008

धन्यवाद ओंबळे, कम से कम एक आतंकवादी तो जिन्दा पकड़ा गया!

दो आतंकवादी एके 47 और हैंड ग्रेनेड से लैस थे और इस पुलिसवाले के पास बस एक वाकी टाकी था. कोई भी रास्ता नहीं था जिससे यह 48 साल का दारोगा तुकाराम ओंबळे इस मुठभेड़ से बच पाता. लेकिन मुम्बई पोलिस का ये बहादुर एएसआई भारत पर 26/11 के आतंकवादी हमले का कम से कम आतंकवादी जिन्दा पकड़ा जाना तय करके मरा .


बुधवार की रात तुकाराम ओंबळे को ताज होटल की फायरिंग पता लगने पर मैरीन ड्राइव पर तैनात कर दिया गया. आधी रात 12.45 का समय था. तुकाराम ओंबळे को अपने वाकी टाकी पर अलर्ट मिला कि दो आतंकवादी स्कोडा कार को हाइजैक करके गिरगांव चौपाटी की ओर बढ़ रहे हैं. कुछ मिनट बाद ही वह स्कोडा तुकाराम ओंबळे के पास से सर्राती हुई गुजर गई.


तुकाराम ओंबळे तुरन्त अपनी मोटरसाइकिल पर कूद कर स्कोडा के पीछे दौड गया. डीबीमार्ग पोलिस थाने की एक टीम ने पहले से ही चौपाटी सिगनल पर नाका बन्दी की हुई थी. आतंकवादियों ने एके 47 से गोलियों चलायीं लेकिन बैरिकैड्स की वजह से इन आतंकवादियों को कार की स्पीड कम करनी पड़ी.


तुकाराम ओंबळे ने अपनी मोटरसाइकिल ओवरटेक करके कार के आगे अड़ा दी जिससे कार के आतंकवादियों को अपनी दांयी ओर डिवाइडर पर चढ़ा देनी पड़ी और इससे उन आतंकवादियों का ध्यान कुछ ही सैकंडो के लिये बंट गया.


तुकाराम ओंबळे ने मोटरसाइकिल से छलांग लगायी और आतंकवादी आमिर कासिब की एके 47 के राइफल की नाल दोनों हाथों से पकड़ कर एके47 छीनने की कोशिश की. राइफल की नाल तुकाराम ओंबळे की ओर गई. आमिर कासिब ने राइफल का ट्रिगर दबा दिया और उस राइफल से निकली गोलियों की बौछार ने तुकाराम ओंबळे के पेट को छलनी कर दिया. तुकाराम ओंबळे बेहोश होकर गिर गया लेकिन उसके हाथों की पकड़ आतंकवादी की राइफल पर मजबूती से जमी थी. अपनी आखरी सांस तक तुकाराम ओंबळे ने आतंकवादी आमिर कासब को किसी और पर गोली चलाने का मौका नहीं दिया.

तब तक दूसरे पुलिसवालों ने दूसरे आतंकवादी इस्माइल को मार डाला और पुलिस के हाथों तुकाराम ओंबळे की कुर्बानी के कारण आमिर कासिब जैसा खूंखार आतंकवादी जिन्दा हाथ आया और अब हमारी जांच एजेन्सियों के हाथ लगेंगी महत्व पूर्ण जानकारियां.

तुकाराम ओंबळे अपनी पत्नी और बिलखती चार बेटियां छोड़ गया है. यही है हमारा असली हीरो, आईये इसे सलाम करें
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उपसंहार

  • मुझे नहीं मालूम कि आप तुकाराम ओंबले की इस शहादत के बारे में जानते हैं.
  • मुझे नहीं मालूम कि इसे तिरंगे में लपेटा गया या नहीं.
  • मुझे नहीं मालूम कि इसकी शवयात्रा किसी चैनल पर दिखायी गई या नहीं.
  • मुझे नहीं मालूम कि किसी देश के प्रधानमंत्री ने इसका नाम राष्ट्र के नाम दिये गये संदेश में लिया,
  • पता नहीं कि इसे 21 तोपों की सलामी दी गयी या नहीं,
  • इसके दरवाजे पर देशमुख, मोदी या पाटिल एक करोड़ रुपये देने गये या नहीं.
  • मुझे यह भी नहीं मालूम कि इसे आतंकवाद से लड़ने का उच्च प्रशिक्षण मिला होगा

और मैं यह सब जानना भी नहीं चाहता.
मुझे इतना मालूम है कि ये मेरे देश का सच्चा शहीद है.