अभी-अभी टीवी पर खुलासा हो रहा है कि मुम्बई के सपा नेता अबु आजमी बाटला हाउस के आतंकी शहजाद और जुनैद से मिला और उन्हें पैसा दिया कि वो छुप के रहें. चौरसिया और अजमानी मिलकर अबु आजमी से फोन पर बात कर रहे हैं, और कम से कम पहली बार चौरसिया के मुंह से कठिन सवाल सुनने को मिल रहे हैं
1. अबु आजमी दाउद की महफिल में शामिल रह चुका है.
2. अबु आजमी 1993 के विस्फोट के मामले में गिरफ्तार होकर जेल में रह चुका है.
3. अबु आजमी बार-बार आतंकवादी मामलों में संदिग्ध रहा है.
4. अबु आजमी ने खुद स्वीकार किया की शहजाद के बाप से उसके संबंध रहे और शहजाद का बाप उसके यहां आता जाता रहता है.
बाटला हाउस में शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के कातिलों में शामिल शहजाद को पैसे दिये और छुपने में मदद की... ठीक है.
लेकिन अभी-अभी मुझे याद आ रहा है कि मुंबई में ताज पर हमले में अबु आजमी गोलियों और हमलों के बीच में घुस कर कार लेकर आता है, और दो-तीन लोगों को बचाकर ले जाता है. बाद में बयान देता है कि वो सऊदी अरब के कुछ सम्माननीय लोग थे.
शहजाद का तो पता चला.. लेकिन अबु आजमी, कौन थे वो लोग जिन्हें तूने ताज होटल से निकाला था.
चौरसिया ने अभी अभी अबु आजमी से कहा
"आप इतने भोले भी नहीं है अबु आजमी की दाउद के घर में शादी में शामिल हों और आपका पता नहीं हो किसके घर में हैं"
अबु आजमी कह रहा है कि मैं भोला हूं... बिल्कुल भोला हूं.
"मैं मुसलमान हूं, मैं भगवान की नहीं अल्ला की कसम खा कर कहता हूं कि मैंने शहजाद को पैसे नहीं दिये और मैं उससे मिला भी नहीं हूं."
चौरसिया, क्या इस सवाल का जवाब निकलवा सकते हो कि इसने ताज होटल में किसको बचाया था.. कहीं कुछ और आतंकवादियों को तो नहीं निकाल ले गया? पुरानी फुटेज होगी न तुम्हारे पास?
लंदन भाग गया है अबु आजमी 5 तारीख को. ठीक उसी दिन जिस दिन दिल्ली पुलिस ने उससे पूछताछ की.
मनसे वालों तुमने हिंदी के नाम पर इसको झापड़ लगाया, क्या इस बात के लिये खुदा कसम इसको एक जबर्दस्त नहीं लगाना चाहिये?
और इधर कांग्रेस का एक पूर्व विधायक कांग्रेस की सरकार में हुये दिल्ली के बाटला हाउस एनकाउंटर जिसमें एक बहादुर पुलिस इंस्पेक्टर शहीद हुआ के बारे में कह रहा है कि ‘सारी दुनिया जानती है कि बाटला एनकाउंटर झूठ था’…
इस अब्दुस सलाम को लाफा कौन लगायेगा?