शरद पवार की पार्टी पावर में हो और घपला न हो ऐसा कहीं होता है? एनसीपी को देखकर तो अपने पाक दामन पर लालू प्रसाद जैसे भी गर्व कर सकते हैं. चाहे तेलघी हो, या शक्कर या आईपीएल के शेयर ये लोग खाने में हमेशा अव्वल रहते हैं.
झूठ बोलने में नेता तो जगजाहिर ही हैं लेकिन उनकी औलादें (जो नेता नहीं हैं) वो भी इस सफाई से झूठ बोल लेती हैं यह नही पता था. अब पता चल गया है कि बचपन से ही ट्रेनिंग मिले तो बेईमानी करने के लिये नेता होना जरूरी नहीं है.
बात हो रही है सुप्रिया सुले की (जिनके नाम के साथ अब पवार तो जुड़ा भी नहीं है… फिर भी..?) जो शरद पवार की पुत्री हैं और झूठ बोलने में नंबर वन हैं. लेकिन अब शक्कर पवार… अर्र्र.. शरद पवार के साथ नहीं रहती तो झूठ पर कायम रहने की ट्रेनिंग कमजोर हो गई है.
पहले सुप्रिया सुले कहती रहीं की मेरे पति कि IPL से संबंधित किसी कंपनी में (इन्डीयन पैसाखोरों की लीग) में हिस्सेदारी नहीं है, लेकिन जब छापे पर छापे पड़ने चालू हुये और ढोल की पोल बजने लगी तो अब इन्होंने मान लिया कि हां भई हिस्सेदारी है!
त भैया 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है इनके पति कि MSM (Multi-Screen Media) नाम की कंपनी में जिसके पास इस पैसाखोर लोगों की लीग के प्रसारण अधिकार हैं.
बीसीसीआई का चेयरमैन बनकर शरद पवार ने भी क्या गुल खिलाये हैं?
इन पैसाखोरों का पेट तो भरने का नहीं, लेकिन क्या इनके पाप का घड़ा कभी भरेगा?
[सुनने में आया है कि ICC अपना चेयरमैन पवार को बनाने वाली है. सही है, शायद उन्हें घपलेबाजों की कमी पड़ रही होगी.]
अबे कुछ तो शर्म करो नेताओं.