Tuesday, May 4, 2010

भारत से सबूत दरयाफ्त करने वाले पाकिस्तान कि अमेरिका के आगे घिग्घी बंधी… देख ली रे जेहादियों कि हिम्मत!

पाकिस्तान दुनिया के नक्शे पर एक बदनुमा दाग़ है… एक ऐसा मुल्क जो दुनिया भर के इस्लामिक आतंकवादियों के लिये पनाहगाह भी है,  और उनके विचारों का पोषक भी.  चाहे तालिबान हो या अल-कायदा या फिलिस्तीन की PLO सभी इस्लामी आतंकवादी संगठनों के तार यहां से जुड़े मिलेंगे.

इस धोखेबाज मुल्क की सरकार एक तरफ तो अमेरिका की चमचागिरी में दिलोजान से लगी है वहीं उन्होंने ओसामा बिन लादेन को भी सरंक्षण दे रखा है और बैतुल्लाह महसूद जैसे तालिबानी कमांडर को मारने की झूठी खबर देकर अमेरिका को भी धोखे में रख चुकी है.

इस देश की सरकार पूरी दुनिया में अशांती फैलाना चाहती है. इसलिये वो आतंकवादियों को स्पेशल ट्रेंनिंग कैम्पों में सरकारी खर्च पर ट्रेनिंग की सुविधा मुहैया कराते हैं. कसाब और उस जैसे दूसरे आतंकवादियों को उन्होंने हिन्दुस्तान भेजा जिसे यह एक सॉफ्ट टार्गेट मानते हैं, लेकिनी अमेरिका जैसे शक्तिशालि मुल्क में भी यह छुप-छुप कर मौत बांट रहे हैं.

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लेकिन इस आतंकि मुल्क की इस्लामिक आतंकवादी सरकार में कितनी हिम्मत है यह सभी को पता है. जब अमेरिका एक घुड़की देता है तो यह उसके पालतू कुत्ते की तरह चिचियाते हुए चले आते हैं. अभी अमेरिका में एक विस्फोट करने के लिये इसकी एजेंसी ISI ने आतंकी भेजे लेकिन अमेरिका के सजग तंत्र के आगे इनकी नहीं चल पायी. न सिर्फ यह विस्फोट करने में असफल हुये बल्कि इनके द्वारा भेजा आतंकी गिरफ्तार भी हो गया.

जिस पाकिस्तानी सरकार ने हाफिज़ सईद को गिरफ्तार करने से साफ इन्कार कर दिया और भारत से सबूतों की फरमाइश रख दी अब वह अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाता फिर रहा है और अमेरिका उसकी खूब खबर ले रहा है.

पाकिस्तानी इस्लामिक आतंकवादी की गिरफ्तारी ने इसकी सरकार के होश उड़ा दिये हैं. पाकिस्तान का गीदड़ विदेश मंत्री जो भारत के आगे शेर बन रहा था उसे अमेरिका के दूतावास ने बुलाकर वो फटकार लगाई कि उसके होश ही उड़ गये… बाहर आकर फौरन उसने बयान दिया कि पाकिस्तान अमेरिका की हर मदद करेगा.

वैसे भी अमेरिका अपनी आंतरिक सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता. पाकिस्तान को उस पर हमले की कीमत महंगी चुकानी पड़ेगी. आने वाले दिनों में हम सब यह आशा कर सकते हैं कि अमेरिका की पहल पर इस्लामिक आतंकवाद पर पाकिस्तान को शिकंजा कसने पर मजबूर किया जायेगा. इससे यकीनन भारत को भी शांति मिल सकती है़

लेकिन मेरा विचार है कि पाकिस्तान जैसे कट्टरवादी मुल्क का यह समाधान नहीं हो सकता. इस देश में धार्मिक उन्माद और कट्टरवाद इतना कूट-कूट कर भरा है कि या तो इसके देशवासी ही इसे नष्ट कर देंगे, या फिर अंतत: इसका भी वही हश्र होगा जो इराक का हुआ और इरान का होने कि पूरी संभावानायें बन रहीं है़

पूरी दुनिया को जाग कर, मिल कर यह फैसला करना होगा. और इस्लामिक कट्टरवाद के पोषक पाकिस्तानियों को लातें मार-मारकर अपने-अपने देशों से बाहर फेंकना होगा.

- विष्णु

आज शाम जब घर पहुंचा तो विष्णु जी का यह लेख तैयार था. वह मेरे पड़ोसी हैं और कल के लेख पर मिली प्रतिक्रियाओं से काफी खुश थे. अगर यही सिलसिला चला तो लगत है कि ब्लाग-जगत में एक और ब्लागर का शीघ्र आगमन होगा - vishwa

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