प्रेसिडेन्ट ओबामा ने बदलाव (Change) का वादा किया था, और धीरे-धीरे इस बात के चिन्ह दिखने लगे हैं कि बद्लाव हो रहा है. सबसे पहला और सबसे जरुरी बद्लाव जो दिख रहा हे, वह है पारदर्शिता.
ओबामा ने कई पहल की हैं जिनसे लगता है कि लक्ष्य जनता को मूढ़ मान कर जानकारी से दूर रखना नहीं, बल्कि जानकारी को उसके नजदीक लाना है.
कुछ ही हफ्तों पहले ओबामा ने एक नई शुरुआत की. Youtube पर White house के Channel पर उन्होंने देश को इस बात की हफ्तावार रपट देने शुरु किया है कि पूरे हफ्ते में उन्होंने क्या किया, किस तरह कि दिक्कतें उन्हें आईं, और क्या समाधान उन्होंने ढूंढ़े. अगर कोई नया कानून या कदम उन्होंने लिया तो उसका ज़िक्र भी वो वहां करते हैं. और देश में क्या गलत हो रहा है, उसके खिलाफ आवाज भी वो उठाते हैं (उसे पर्दे के पीछे छुपाने की कोशिश करने के बजाय).
तो उन्होंने अमेरिकी जनता को बताया कि किस प्रकार वो देश में आये आर्थिक संकट से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने लोगों को संकट से लड़ने कि प्रेरणा भी दी, और उन कदमों से अवगत कराया जो वो ले रहे हैं. और साथ ही उन्होंने उन वाल-स्ट्रीट कि कंपनियों को चेतावनी भी दी जिन्होंने अपने उच्च-पद के लोगों को इस संकट काल में करोड़ों डालर बोनस के रूप में दिये. उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस तरह का ‘लालच’ बर्दाश्त नहीं.
ओबामा ने अभी-अभी अमेरिकी कांग्रेस से 700+ बिलियन डालरों को आर्थिक संकट से जूझने के लिये पारित करवाया है. और उन्होंने इन रुपयों के खर्च के ब्योरा देने के लिये एक वेबसाइट की घोषणा की जहां लोग देख पायेंगे की पैसा कहां खर्च हुआ और इस खर्चे पर अपने विचार भी रख पायेंगे. इसका इस्तेमाल यकीनन इस बात को निश्चित करने में होगा की पैसा इमानदारी से खर्च हो, क्योंकि खर्च और उसका प्रभाव सब देख रहे हैं.
अब कुछ सवाल
1. क्यों नहीं हिन्दुस्तान में उच्च पदाधिकारी अपने काम का ब्यौरा अपने डिपार्टमेन्ट की वेबसाइट द्वारा लोगों को दें. यह तो एक वेबकैम से संभव है.
2. क्यों न सभी कल्याणकारी योजनाओं कि एक वेबसाइट हो जहां यह जानकारी विस्तार में हो कि पैसा कहां खर्च हुआ (वाउचर स्कैनिंग, व पाने वालों के नाम सहित). और यहां लोगों की शिकायत के लिये जगह भी हो.
इस सब में खर्च बहुत ज्यादा नहीं होने वाला, और अगर ऐसा हो पाये तो जितना पैसा बेईमान लोगों द्वारा डकारे जाने से बचकर आयेगा, उससे भरपाई हो जायेगी.
Better transparency will lead to better governance.
और ओबामा को इस तरह की कोशिश के लिये मुबारकबाद.
आप भी ओबामा की हफ्तावार रपट जरूर देखें. और जोर दें की हमारे यहां भी बदलाव आये.
उस बदलाव के लिये दिल्ली बहुत दूर है, कम से कम RTI के बारे में पढ़ी खबर (मंत्रियों और उनके परिवार के लोगों की संपत्ति की जानकारी RTI बाहर है) से तो यही लगता है।
ReplyDeleteनितिन जी ने बिल्कुल ठीक कहा है,मैं भी उनके स्वर में अपना स्वर मिलाता हूं.आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिये धन्यवाद.
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