कांग्रेस के काम में भी बात है. वह जो भी करते हैं खुल्ले में, पूरे शानो-शौकत गाजे-बाजे के साथ करते हैं और कहते हैं, लो बेट्टा, कल्लो जो करना है. अपने पूर्व वित्तमंत्री चिदम्बरम जी ने पहले कहा कि उन्हें जर्मन सरकार ने नाम नहीं दिये – ‘लीगल प्रोसेस है भाई, समय लगता है’. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दर्ज ताजे हलफनामे में सरकार ने कहा की हां हमें नाम मालूम है.
पहले ही पैरा में लिखा है : सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा दिया कि हमारे पास जर्मनी से स्विस बैंको के खातेदारों के ब्यौरे हैं, लेकिन हम 'confidentiality' की वजह से नाम जाहिर नहीं कर सकते.नाम मालूम हैं?
मतलब उन्हें पता है कि किस-किस ने देश का धन चोरी किया.
बहुत सही खबर सुनाई है सरकार है. नाम पहले ही पता चल गये होंगे. उधर आडवाणी चिल्ला रहे थे कि भाई नाम लाओ, नाम लाओ इधर तो सारा कार्यक्रम हुआ बैठा है बिना बात को चिल्लाये आडवाणी. चलो जब सरकार को इन बेईमानों के नाम मालूम पड़ गये तो हमें भी चैन मिला. अभी सरकार करेगी प्रेस कान्फ्रेंस और छपेगी सारे नामों की लिस्ट. फिर जनता भी नेताओं वाले जूते लगा-लगाकर इन चोरों के सर सुजा देगी.
सही प्लानिंग है न भाई? अरे.. कहां चले? जूता खरीदने? जरा ठहरो भाई जरा बाकी एफिडेविट तो पढ़ लें.
ओये! यह क्या लिखा है? सरकार कहती है कि जनता को नहीं बतायेंगे कि किन-किन के नाम है.
जनता को नहीं बतायेंगे? क्यों नहीं बतायेंगे? क्या इसमें भी देश की सुरक्षा में जंग लग जायेगी? आतंकवादी छोड़ने पड़ेंगे?
नहीं, चोर पकड़ने पड़ेंगे.
भाई जब सरकार को मालूम पड़ गया है कि चोर कौन-कौन है तो क्या हम यह अपेक्षा कर सकते हैं कि सरकर धरे उन्हें? सरकार ने कह तो दिया कि कर विभाग करेगा, लेकिन कब करेगा?
आपने सुना कि कोई बड़ा आदमी पकड़ा गया?
कहीं टैक्स बाबू रेड डालने गये? या फिर ये सिर्फ हमें आपको परेशान करने के लिये हैं.
चुनाव होते-होते तक सरकार ने कभी नहीं कहा कि हमें पता है,
वो कहते रहे कि ‘क्यों बोला, भई क्यों बोला’ अब जब चुनाव हो चले, वोट डल चुके तो सरकार ने कह दिया, हमें पता है, लेकिन हम कुछ नहीं करेंगे बोलो क्या कल्लोगे?
तो वोट दे दिया आपने? पेटी बंद. अब जाओ नहीं लाते देश का पैसा वापस. नहीं बताते चोरों के नाम
क्यों नहीं बताते?
भाई हिन्दू संस्कृति है, बीवियां अपने शोहरों के नाम नहीं लेती. हमारी सरकार कोई खसमानूंखानी थोड़े ही है.
confidentiality? किसको बचा रही है सरकार?
बहुत सही दिशा में जा रहा है यह मामला। कब तक चोर की माँ खैर मनाएगी?
ReplyDeleteभइया, अपने कानून बनाए वाले इनके लिए पहले ही इंतजाम कर गए हैं. कानून के अनुसार आप किसी को अपने विरूद्ध बयान देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते. कुछ समझे आप?
ReplyDeleteकिसको बचा रही है सरकार?
ReplyDeleteहमारी कांग्रेसी सरकार अपने आदमियों को बचा रही है,
पिछले हफ्ते कपिल सिब्बल कैसे बेशर्मी से बयानबाजी कर रहा था
लेकिन श्रीमानजी, देख लेना इसमें एक भी कांग्रेसी घडियाल नहीं पकड़ा जायेगा
आडवानी जी को धन्यवाद कि उन्होंने कांग्रेसी बेईमान सरकार को सच कहने पर मज़बूर किया
जब नाम खुलेगे तो मजा आयेगी
ReplyDeleteनाम खुलने आसान नहीं. इसका भी बोफोर्स वाला हाल होगा.
ReplyDeleteअरे सरकार कैसे बता सकती है कि इतना बड़ाई का काम किसी और ने नहीं हम ने ही किया है .. अपने मुहं मियां मिट्ठू थोड़े ही बनना है इनको.
ReplyDeleteइनको तो पहले दिन से ही पता था क्यं हर कोई अपना और अपने परिवार वालों का नाम तो जानता ही है. अब अडवाणी जी बेचारे दूसरे देशों पर आश्रित है इस जानकारी के लिए ....
buddhijiviyo, patrakaro ko sarkar ke upar un namo ko jahir karne ka dabav banana chahiye.
ReplyDeleteRangnath Singh
अरे भाईईईईईईईईईईईईईईईई कोई मेरा भी स्विस बैंक मे एकाऊंट खुलवा दो. कित्ते पैसो से खोलते है ?
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