Wednesday, April 21, 2010

मेरा आइलेंड किसने चुराया?

ग्लोबल वार्मिंग के कारणों के बारे में चाहे संशय हो उसकी असलियत से इंकार करना मुश्किल होता जा रहा है. मैं सिर्फ भारत में इस साल पड़ रही भीषण गर्मी की बात नहीं कर रहा हूं, बात इससे आगे बढ़ चुकी है.

बदलते मौसम चक्र के कारण ग्लेशियर और आइसबर्ग पिघल रहे हैं यह तो हम सुन ही रहे हैं, लेकिन समुद्र का स्तर बढ़ने के असर को अब महसूस भी किया जा रहा है.

मैं बात कर रहा हूं बांग्लादेश और भारत से सटे एक छोटे से द्वीप के बारे में जो अब समुद्र के बढ़े स्तर के कारण पूरी तरह डूब चुका है. बात मजेदार है इसलिये क्योंकि भारत और बांग्लादेश दोनों का ही इस द्वीप पर दावा था और दोनों ही इस पर कब्जे के तलबगार थे. हिन्दुस्तानी सरकार तो कुछ समय तक इस पर बी-एस-एफ की एक टुकड़ी को तैनात कर चुकी थी.

फिलहाल यह दीप सागर के अंदर है और इसका कारण ग्लोबर वार्मिंग है जिसमें बहुत बड़ा हाथ मानव जाति का है.

अगर पर्यावरण में बदलाव यूं ही जारी रहा तो आगे का वक्त मानवों और बाकी जानवरों के लिये मुश्किल भरा हो सकता है.

तो यह बेहतर होगा कि हम लोग खुदा, भगवान, ईश्वर और इसी तरह की बाकी बकवास के बजाय कुछ असली मुद्दों पर ध्यान दें.

4 comments:

  1. काम की बात करें?
    यह हो नहीं सकता!
    हमने सारे संसार को एक बड़ा कचरेदान बना दिया है। अब परिणाम भी भुगतने होंगे।
    घुघूती बासूती

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  2. धर्म के ठेकेदार आते ही होंगे ...असली मुद्दे बताने.

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