स्टार टीवी के दीपक चौरसिया स्टार बन चुके हैं, जिस फार्मूले का उपयोग कर उनके सामने ही सामने कितने लोग बड़े-बड़े पुरुस्कृत पत्रकार बन गये, उसका उपयोग करके अगर वो एक-दो अवार्ड अपने कन्ने कर लें तो क्या बुरा?
तो आज स्टार पर धमाल मचा रखा है, जुबान अटक गई है - 'हिन्दूवादी नेता', 'हिन्दूवादी नेता'. ऐसा घमासान मचा रहे हैं कि लगता है कि जब बचपन में जब बोलन सीखा तो क-ख की जगह हिन्दूवादी नेताओं से निपटने का ककहरा सीख लिया.
सुदूर क्षितिज की ताक में.
वहीं से अगली खबर निकलेगी जिससे अपने आकाओं को खुश करने का मसाला निकालेंगे.
और ये स्टार (Fox News वाले, अरे वही जो जार्ज बुश के सबसे बड़े चमचे रहे हैं) के सुपर-स्टार जब 'हिन्दू' बोलते हैं तो चेहरे पर भाव बदल-बदल कर, कभी ऐसे जैसे गोबर चख रहे हैं, लेकिन जब साथ में जब 'वादी नेता' बोलते हैं तो ऐसा लगता है कि अभी किसी बिल्ले को दो सेर मलाई चटा दी. बड़ा घणा मौका मिला है इन्हें, सारे रात हिन्दूवादी नेता का भजन करें, तो भी संतुष्टी को प्राप्त नहीं होंगे.
ये वहीं पत्रकार हैं जो 'इस्लामिक अतिवादी' पर अलग ही प्रतिक्रिया देते हैं. जोर देते हैं कि जिन मुस्लिम आतंकवादियों को गिरफ्तार किया जाये उन्हें धर्म से न जोड़ा जाये. लेकिन खुदा-न-खास्ता अगर हिन्दूवादी नेता के हाथ होने का अंदेशा भी मिले तो हिन्दूवाद शब्द बड़े जोर दे-देकर, बड़े अंदाजों-खम के साथ बोला जाता है.
घटिया पत्रकारिता के झंडाबरदार ये बेशर्म लोग चाहे कितनी भी शर्मनाक नौटंकी न करें, इनके लिये ताली पीटने वाले चमचों की भी कमीं नहीं. इसलिये इनकी दुकान चलती रहेगी, चाहे इनके पाखंड पर कितना ही गुस्सा न आये.
यह 'वाद', 'वादी', 'अत्व ' शब्द इन स्वघोषित वुद्धिजीविओं के नकारात्मक सोच की देन हैं. एक ऐसे ही सज्जन बड़े गर्व से कह रहे थे कि जब भी वह हिंदू या हिंदू धर्म को गाली देते हैं उन्हें एक अजीब सा आनंद महसूस होता है. मेरे एक मित्र ने उन्हें सुझाव दिया कि वह अपने मां-वाप को भी ऐसी गालियाँ दिया करें, उन्हें इस से भी ज्यादा आनंद महसूस होगा. अब उन दोनों में बात चीत नहीं होती.
ReplyDeleteदीपक चौरासिया कैसा भी हो लेकिन सबसे ज्यादा बेशर्म तो विनोद दुआ है
ReplyDeleteमुझे तो ये टी वी वाले सारे ही ऐसे ही लगते है इन्हे सिर्फ़ अपनी टी आर पी बढाने के अलावा कुछ नजर नही आता
ReplyDeleteplease dont adress him intlectual,he is most incompetant journalist , Prabhu Chawla is responsible for giving us so imature journalist and L K advani is also responsible for giving him chance in DD news.He is THALI KA BANGON........People say Advani will again make him DD bose if he became PM.
ReplyDeleteone bloger
बेबाक और सटीक विष्लेशन की बधाई।
ReplyDeletegajab ka gussa hai aapka bhai.
ReplyDeleteहुज़ूर अब गोबर एवं गोमूत्र भी पैक हो कर बिकता है औ विदेश तक निर्यात होता है
ReplyDeleteसही विश्लेषण है भाई आप का. वैसे हर इंसान "बिकने' के लिए अपना एक USP बना लेता है .. चाहे वह USP कितना ही घटिया क्यों न हो..... बाज़ार है भाई .... तो बिकने की कोशिश कर रहे हैं......
ReplyDeleteकुछ भी कर ले यह बन्दा विनोद दूआ के कद तक नहीं पहूँच पाएगा.
ReplyDeleteबेंगाणी जी सहमत, प्रणव रॉय और बरखा दत्त तक भी नहीं पहुँच सकते ये महाशय, बोलने के लिये खड़े ही होते हैं तो "लपुझन्ना" दिखाई देते हैं, स्टार टीवी का स्तर वाकई बहुत गिर गया है… बल्कि कहना चाहिये कि "गिरने" की होड़ चल रही है कि कौन कितना गिरेगा, और कौन कितने कटु अन्दाज में हिन्दुत्व और सेना को लपेटे में ले सकता है… ये तथाकथित पत्रकार लोग जब पिटते हैं, या इनके दफ़्तरों के काँच फ़ूटते हैं तो हमें कोई दुख या अफ़सोस नहीं होता… और हाँ, गोबर को बदनाम मत करो यार… उसकी भी एक प्रतिष्ठा है…
ReplyDeleteन तो ये पुण्य है और न ही प्रसून ...पत्रकारिता के नाम पर इन लोगों ने जो किया है...शर्म आती है उसे देखकर
ReplyDeleteभाई साहब, मैंने एक पोस्ट में एक ई-मेल का ब्यौरा दिया है, जिसमें इनके मालिकों का वर्णन है, जिनका खायेंगे, उन्हीं का तो गायेंगे.
ReplyDeleteसर जी ,ये लोग नही बोलते है, बल्कि खड़ी देसोंसे आया डालर ये सब करारा है.करोडो रुप्यु के पकेज पर नोकरी कर रहे है. तो बोही बोलेगे जो डालर बोलेगा.
ReplyDeleteहिंदू को गाली देकर कितने लोग मीडिया के चमकते सितारे बन गये/
ReplyDeleteनही तो विनोद दुआ 'परख' (नेशनल फ्रंट) के सोजन्य से, नही तो साहारा में पर सड रहा होता/ अब तो पदं भूषण भी कांग्रेस ओउर कम्युनिस्ट भाइओ ने दिला दिया/
राजदीप आज प्रणव को टकर नही दे रहा होता/ धन्य है गोधरा के वो ५९ हिंदू बचारे/ मोदी / हिंदू विरोध ने चंनल का मालिक बना दिया नही तो राजनितिक संपादक बन कर क्या मिलता/
देखते नही बरखा दत्त मुसलिम कश्मीरियो की वजह से खा पहुच गई/
परन्तु परन्तु
कभी किसी बचारे हिंदू हितों की चिंता करने वाला भी
किसी चैनल का मालिक बन ने का सोच सकता है/
बेचारा मनोज रघुवंशी थोड़ा बहुत बोल लेता था/ लात मार कर निकाल दिया/ अब बेचारा नोकरी नही कर ता होगा /
देखा हिंदू हितों की बात कर के क्या मिलता है/
इस लिया दीपक चौरसिया आज तक से डी डी न्यूज़ से स्टार तक का सफर हिंदू विरोध से ही तो मिल सकता हैं/
hindu hito ki bat aaj bamani si lagti h.deepak jaise log hajaro lakho ki sankhya m hai.secularism ke chasme se unhe kaval hindu aatankvad najar aata h jab ki kal tak yahi log batla house ke gaddaro ko dharm se alag rakhne ki bat kar rahe the. hum v kam nahi bus chup chap sab dekhte h. are asal jabab to vinay kr singh ne d.u main sar gilani ke muh par thuk kar diya. vande matram
ReplyDeletehindu hito ki bat aaj bamani si lagti h.deepak jaise log hajaro lakho ki sankhya m hai.secularism ke chasme se unhe kaval hindu aatankvad najar aata h jab ki kal tak yahi log batla house ke gaddaro ko dharm se alag rakhne ki bat kar rahe the. hum v kam nahi bus chup chap sab dekhte h. are asal jabab to vinay kr singh ne d.u main sar gilani ke muh par thuk kar diya. vande matram
ReplyDeletehindu hito ki bat aaj bamani si lagti h.deepak jaise log hajaro lakho ki sankhya m hai.secularism ke chasme se unhe kaval hindu aatankvad najar aata h jab ki kal tak yahi log batla house ke gaddaro ko dharm se alag rakhne ki bat kar rahe the. hum v kam nahi bus chup chap sab dekhte h. are asal jabab to vinay kr singh ne d.u main sar gilani ke muh par thuk kar diya. vande matram
ReplyDeleteविनोद दुआ दी के कद तक कोई नहीं पहुंच सकता संजय जी,
ReplyDeleteकम से कम आने वाले 20-30 सालों तक तो नहीं।
नई फ़सल अभी से रंग दिखा रही है
कितना जानते हो आप दिपक चौरसिया के बारे में कुछ नई बाते बताता हू
ReplyDeleteएक समय था जब दिपक चौरसिया मिडीया के क्षेत्र में बच्चा था और हिन्दु के पार्टी कहे जाने बाले भारतीय जनता पार्टी के सर्वेसर्वा श्री लाल कृ्ष्ण आडवाणी जी के पैर धो कर पीता था। श्री लाल कृ्ष्ण आडवाणी जी के कहने पर उसका तर्क्की को गया और आज इतना बडा हो गया कि श्री लाल कृ्ष्ण आडवाणी जी को ही काट खाने को दैडता है। कारण अब उसके खुन में ईसाइ मिशनरी का पैसा दौर रहा है।
मुझे याद है वह एन डी ऐ का शासन जब दीपक चौरासिया जी आज तक में थे और तथाकथित हिंदू आदम्बरवादी आडवानी जी के स्तुति गान करते नहीं थकते थे। उन्ही के आशीर्वाद से साहेब दूरदर्शन में चले आए। सरकारी मलाई खाने के लिए । आज जब ये इसाइयों द्वारा प्रायोजित मिडिया में हैं तो उन्हीं मालिकों की आज्ञा से वाही भोंक्गे जो इनके मालिक चाहते हैं। दीपक चौरासिया डूब मरो कहीं पूरब के तलिया में। देश के बारे मैं, कोम के बारे में जब भी बोलो सोच समांझ कर बोलो ....
ReplyDeleteकुछ ओर कहो, गोबर मत कहो क्योकि गोबर ओर गोमुत्र का उपयोग स्वास्थय को बधाने मे ओर कइ विधीयो मे जेसे समसान मे होता हे|एसा कहो काला अग्रेज|
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