Friday, April 23, 2010

शरद पवार की बेटी ने माना कि उसने झूठ बोला था

शरद पवार की पार्टी पावर में हो और घपला न हो ऐसा कहीं होता है? एनसीपी को देखकर तो अपने पाक दामन पर लालू प्रसाद जैसे भी गर्व कर सकते हैं. चाहे तेलघी  हो, या शक्कर या आईपीएल के शेयर ये लोग खाने में हमेशा अव्वल रहते हैं.

झूठ बोलने में नेता तो जगजाहिर ही हैं लेकिन उनकी औलादें (जो नेता नहीं हैं) वो भी इस सफाई से झूठ बोल लेती हैं यह नही पता था. अब पता चल गया है कि बचपन से ही ट्रेनिंग मिले तो बेईमानी करने के लिये नेता होना जरूरी नहीं है.

बात हो रही है सुप्रिया सुले की (जिनके नाम के साथ अब पवार तो जुड़ा भी नहीं है… फिर भी..?) जो शरद पवार की पुत्री हैं और झूठ बोलने में नंबर वन हैं. लेकिन अब शक्कर पवार… अर्र्र.. शरद पवार के साथ नहीं रहती तो झूठ पर कायम रहने की ट्रेनिंग कमजोर हो गई है.

पहले सुप्रिया सुले कहती रहीं की मेरे पति कि IPL से संबंधित किसी कंपनी में (इन्डीयन पैसाखोरों की लीग) में हिस्सेदारी नहीं है, लेकिन जब छापे पर छापे पड़ने चालू हुये और ढोल की पोल बजने लगी तो अब इन्होंने मान लिया कि हां भई हिस्सेदारी है!

त भैया 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है इनके पति कि MSM (Multi-Screen Media) नाम की कंपनी में जिसके पास इस पैसाखोर लोगों की लीग के प्रसारण अधिकार हैं.

बीसीसीआई का चेयरमैन बनकर शरद पवार ने भी क्या गुल खिलाये हैं?

इन पैसाखोरों का पेट तो भरने का नहीं, लेकिन क्या इनके पाप का घड़ा कभी भरेगा?

[सुनने में आया है कि ICC अपना चेयरमैन पवार को बनाने वाली है. सही है, शायद उन्हें घपलेबाजों की कमी पड़ रही होगी.]

अबे कुछ तो शर्म करो नेताओं.

Wednesday, April 21, 2010

भारत में बिग ब्रदर इज़ वाचिंग यू... हिन्दुस्तानी सरकार की नज़र आप पर है

आपकी गतिविधियों पर सरकारी बिग ब्रदर की नज़र है. अगर आप कुछ ऐसा कर रहे हैं जिससे सरकार सोचती है कि वह प्रभावित हो रही है तो हो सकता कि आप पर भारतीय सुरक्षा या जासूसी तंत्र की नजर हो.

गूगल ने आज एक नया पेज बनाया है जिसमें बतलाया गया है कि किन देशों ने अपने देशवासियों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिये कितनी बार जानकारी मांगी. इस सूची के अनुसार भारत उन देशों में प्रमुख है जिन्होंने गूगल से लोगों का सीक्रेट डाटा मांगा या फिर गूगल को आनलाइन सामग्री हटाने के निर्देश दिये.

गूगल के अनुसार भारत ने अब तक कुल 1061 बार लोगों की जानकारी गूगल के निकलवाई और 142 बार गूगल की वेबसाइटों में लोगों द्वारा डाली गई सामग्री को हटवाया.

इस सूची में सबसे ऊपर ब्राज़ील का नाम है जिसने एक बार वहां के गूगल के सर्वोच्च अधिकारी को इसलिये जेल भेज दिया था क्योंकि गूगल लोगों की सीक्रेट जानकारी उपलब्ध कराने से मना कर रहा था. चीन का जिक्र यहां पर नहीं है क्योंकि इस पर भी चीन की रोक लगी है वरना चीन इस संख्या में बहुत ही आगे होता.

बहरहाल निष्कर्ष यह है कि अगर अब तक आप सोच रहे हैं कि आप आनलाइन जो कर रहे हैं वह सरकार की नज़र में नहीं है तो आप गलतफहमी में है. अगर आप कुछ ऐसा कर रहे हैं जिससे नेता या सरकार खुद को असुरक्षित महसूस करे तो खुफिया तंत्र की आप पर नज़र हो सकती है.

हिन्दुस्तान में भी बिग ब्रदर की नज़रें तेज हैं और वह आप पर हैं.

ज्यादा जानकारी के लिये गूगल का गवर्नमेट रिक्वेस्ट पेज देखिये:

http://www.google.com/governmentrequests/

मेरा आइलेंड किसने चुराया?

ग्लोबल वार्मिंग के कारणों के बारे में चाहे संशय हो उसकी असलियत से इंकार करना मुश्किल होता जा रहा है. मैं सिर्फ भारत में इस साल पड़ रही भीषण गर्मी की बात नहीं कर रहा हूं, बात इससे आगे बढ़ चुकी है.

बदलते मौसम चक्र के कारण ग्लेशियर और आइसबर्ग पिघल रहे हैं यह तो हम सुन ही रहे हैं, लेकिन समुद्र का स्तर बढ़ने के असर को अब महसूस भी किया जा रहा है.

मैं बात कर रहा हूं बांग्लादेश और भारत से सटे एक छोटे से द्वीप के बारे में जो अब समुद्र के बढ़े स्तर के कारण पूरी तरह डूब चुका है. बात मजेदार है इसलिये क्योंकि भारत और बांग्लादेश दोनों का ही इस द्वीप पर दावा था और दोनों ही इस पर कब्जे के तलबगार थे. हिन्दुस्तानी सरकार तो कुछ समय तक इस पर बी-एस-एफ की एक टुकड़ी को तैनात कर चुकी थी.

फिलहाल यह दीप सागर के अंदर है और इसका कारण ग्लोबर वार्मिंग है जिसमें बहुत बड़ा हाथ मानव जाति का है.

अगर पर्यावरण में बदलाव यूं ही जारी रहा तो आगे का वक्त मानवों और बाकी जानवरों के लिये मुश्किल भरा हो सकता है.

तो यह बेहतर होगा कि हम लोग खुदा, भगवान, ईश्वर और इसी तरह की बाकी बकवास के बजाय कुछ असली मुद्दों पर ध्यान दें.