Tuesday, April 14, 2009

तालिबान से लड़ने का सबसे सही तरीका… हथियार डाल दो… वो भी डाल देंगे

हां जी. तालिबान से लड़ने के एक ही तरीका है, हथियार डाल कर आत्मसमर्पण कर लीजिये, और वो जो करें करने दीजिये. कम से कम पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसफ अली जरदारी का यही ख्याल है, इसलिये उन्होंने पाकिस्तान के एक हिस्से को तालिबान के शरिया कानून को सौंपने वाले बिल पर दस्तखत कर दिये.

taliban_hangingयही कानून अतिवादी भारत में चाहते हैं. क्या आप इन्हें वोट देंगे?

अब अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से खदेड़े गये तालिबानी पाकिस्तान में अपने नये घर में चैन से महिलाओं को पीट सकेंगे. पाकिस्तान के इस हिस्से में लगभग 30 लाख लोग हैं. इन सबको तालिबानियों को सौंपने से पहले कोई भी मत या चुनाव नहीं कराया गया कि आप लोग क्या चाहते हैं.

पाकिस्तान को भरोसा है कि इससे स्थितियां सुधरेंगी. कैसे सुधरेंगी? शरिया को कानून बना कर तालिबानी आतंकवादियों को इस सूबे में मनमानी हुकुमत चलाने का लाइसेंस देने से पाकिस्तान की सुरक्षा कैसे हो सकती है? जो लोग पहले स्वात और फिर इस सारे हिस्से पर कब्जा कर चुके हैं, वो पूरे पाकिस्तान को धीरे-धीरे निशाना बनायेंगे. उनका लक्ष्य यही है.

हद तो यह है कि पाकितान के पूरे प्रशासन में तालिबान समर्थक लोग घुस आये हैं. उनमें से एक अमीर इज्जत खान ने कहा कि इस बात से खुश होकर तालिबानी लड़ाके हथियारों का त्याग करेंगे.

“तालिबानी लड़ाके हथियारों का त्याग करेंगे”?
तेंदुआ की खाल पर धब्बों के बजाय धारियां उभरेगीं?

जरदारी का मीडिया डिपार्टमेंट बोला “राष्ट्रपति संविधान का पालन बनाये रखने के लिये प्रतिबद्ध हैं.” संविधान क्या है आपका? जोकबुक? जब चाहे कोई आता है और दरिया में डाल देता है आपका संविधान.

पाकिस्तानी सरकार अमेरिका से जिन आतंकवादियों से लड़ने के लिये पैसा बटोर रही है, सबसे पहले उन्हें एक सुरक्षित ठीया दिया है. वहां से बैठ कर वो पूरे पाकिस्तान को तालिबानिस्तान बनायेंगे.

ऐसे माहौल में जब पाकिस्तानी एटमी हथियार तालिबानों के हाथ आने से बस कुछ ही देर दूर हैं, दुनिया को फैसला करना होगा कि वो एक बहुत बड़ा सरदर्द चाहते हैं, या फिर इससे छुटकारा.

मुझे लगता है कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति को अगर तालिबान पर भरोसा है, या फिर वो समझते हैं कि यह खूनी भेड़िये किसी भी हद तक रुकने वाले हैं तो फिर वह परले दर्जे के अहमक हैं. और अगर वो तालिबानी फितरत को जानते हुये भी ऐसा कर रहे हैं तो पहले नम्बर के देशद्रोही.

वैसे पाकिस्तान के किसी प्रमुख से और आशा भी क्या की जा सकती है.

खबर यहां पढ़ी थी http://www.google.com/hostednews/afp/article/ALeqM5gE05mvzP8ISwLgn3GrmmxNMRXCJw

9 comments:

  1. अल्लाह ने इस दुनिया को सुधारने की विधियों पर गहन विश्लेषण व विचार करके "जिहाद", "शरिया", "फतवा" आदि नयी विधियाँ इजाद की । उन्होने इन विधियों को बाकायदा कुरान में सविस्तार लिपिबद्ध कर दिया। इनको लागू कराने का ठेका सच्चे मुसलमानों को दिया गया। इसके लिये बिना किसी अवरोध के "जन्नत" जाने और वहाँ "हूर" एवं अन्य आकर्षक "इनाम" पाने की गारंटी दी गयी। इसका बहुत अच्छा प्रतिसाद भी मिला। किन्तु अल्ला-ताला इतने से खुश नहीं हैं। सो उन्होने तालिबान बनाने का फरमान जारी किया।

    ये सब अल्ला की मर्जी से हुआ है। इस पर किसी को आपत्ति क्यों?

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  2. ज़रदारी का मतलब है सिर्फ पैसे से काम रखने वाला
    ज़रदारी महाराज ज़र इकठ्ठा कर रहे है. पाकिस्तान तो खाकिस्तान बनाने के कगार पर हैं ही साथ साथ सारी दुनियां के लिये मुसीबत खड़ी होने वाली है

    हिन्दुस्तान में भी इनके छुटभैय्ये मौजूद हैं, सपा का घोषणा पत्र पढकर एसा लगा था कि मुलायम ने इस घोष़णा पत्र बनाने का काम तालिबान को ही आउटसोर्स किया हो

    हमारे आगे एक ही रास्ता है कि हम लोग कांग्रेस और बे-शर्म निरपेक्ष लोगों को गटर में फैंक दें

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  3. bhayya .. chori chupe toh yeh pakistani kabse inhe support kar rahe the .. chalo ab duniya ko pata toh chala .. jab amrika ne inka safaya shuru kiya toh inko safe area de raha hai pakistan ..

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  4. चूंकि केवल तालिबानी इलाका शरिया के अंतरगत आता है, पाकिस्तान का अन्य इलाका काफिरों से भरा माना जाएगा और इनके खिलाफ तो जेहाद जायज़ है ही!!

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  5. chinta mat karen, 20 saal me bharat me bhi shariya laagoo hoga, kyonki hindu naamard hain, vyapari hain, itihas se sabak nahi lete, aas paas ki ghatnaon se kuchh nahi seekhte.

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  7. कितनी अच्छी बात है की मैं पूरी तरह नास्तिक हूँ अगर अल्लाह के दिल मैं हमारे लिए इतनी नफरत थी तो हमें बनाया क्यों यहाँ तो यह भी छाटना मुश्किल है की अल्लाह के बन्दे कोण है और सैतान के बन्दे कोण क्या यह इस धरती मैं पैदा होने की सजा है

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  8. कितनी अच्छी बात है की मैं पूरी तरह नास्तिक हूँ अगर अल्लाह के दिल मैं हमारे लिए इतनी नफरत थी तो हमें बनाया क्यों यहाँ तो यह भी छाटना मुश्किल है की अल्लाह के बन्दे कोण है और सैतान के बन्दे कोण क्या यह इस धरती मैं पैदा होने की सजा है

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