आडवाणी जी ने फैसला किया है कि वह अब विपक्ष के नेता नहीं होंगे. बीजेपी में अभी भी नये स्तरीय नेतृत्व की कमी है, और शायद इतनी जल्दी भरपाई भी नहीं होगी, लेकिन फिर भी आगे की राजनीति के हिसाब से मुझे लगता है कि आडवाणी जी का फैसला सही है.
आडवाणी जी जानते हैं कि यह पांच साल बीजेपी को बहुत काम करना है जिससे वह अगले पांच सालों में वह जिम्मेदारी निभा पाये जिसे निभाते हुये हम उसे देखना चाहते हैं.
इन पांच सालों में बीजेपी को उभरते हुये नेतृत्व की जरुरत है, आडवाणी जी को एक नये नेतृत्व को उभरने का मौका देना है और उसे मदद करनी है.
उन्हें देखना होगा कि बीजेपी सही राह पर चले… लेकिन अगली लड़ाई, अगली पीढ़ी के लिये होगी.
जय हिंद.
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