खबर के अंदर की खबर पढ़ना भी एक कला है. अब राजनीति से दो-चार होते कई साल बीत चुके हैं तो राजनेताओं की चालों का अंदाजा लगाना भी अब कुछ-कुछ समझ में आने लगा है. बात है अमर सिंह की. ये पुराने चालबाज हैं. इनके पत्ते सधे होते हैं और अपने काम निकालने के लिये यह हर प्रपंच कर लेते हैं. इसी कला में निपुण होने के चलते यह मुलायम के लिये अपरिहार्य हो गये. भाई अब तो हालात यूं है कि आजम खान ने भी इनसे पंगा लिया तो उनकी चला-चली हो गई.
तो बात है अमर सिंह के कल के बयान की. विश्वास मत के इतने दिनों बाद, चुनाव के भी बाद अब अमर सिंह के अंदर का ईमान जाग गया और उन्होंने खुलासा कर ही डाला की सोमनाथ चटर्जी ने उनसे कांग्रेस समर्थन को कहा था.
क्यों? अब कैसे इन पुरानी बातों को याद कर लिया? क्या दुश्मनी हो गयी ताजी-ताजी सोमनाथ से? बुढऊ की मिट्टी क्यों खराब करने पर तुले हैं?
यह सोमनाथ से दुश्मनी नहीं है, सोमनाथ तो घुन है जो पिस गया क्योंकि अमर सिंह अपनी रोटियां सेंकने के लिये आटा बनाने में लगे हैं.
यह गूढ़ बात है. चेतावनी है अमर सिंह कि कांग्रेस को. अगर तुमने हमें लपेटा तो बर्रों के छत्ते को खोल डालूंगा. राजफाश कर दुंगा. पर्दानशीं रहस्यों को बेपर्दा कर दूंगा.
सोमनाथ को लपेट कर उन्होंने सैम्पल दिखाया है कि असल माल पोटली में बंद है, बोलो तो खोलूं.
अमर सिंह कांग्रेस के लिये नोट बांट रहे थे विश्वास मत के दौरान (आइबिएन ने छुपाते-छुपाते भी दिखा डाली). किसके कहने पर?
इतने राज दफन हैं अमर सिंह के सीने में कि जो खुल जायें तो ऐसी पिक्चर का मसाला तैयार हो जाये जिसे हिट कराने के लिये बड़े भैया अमिताभ की भी जरुरत न रहे.
और आप क्या सोच रहे थे? सोमनाथ को बेफालतू में निपटा दिया अमर सिंह ने? नहीं यह निशान्ची अब सारे गुर सीख चुका है, अब यह प्यादों पर वक्त बर्बाद नहीं करता, सीधे वज़ीर का शिकार करता है.
बेपर्दा कॉग्रेस....!! रूको अभी जय जयकार का शोर थमा नहीं है.
ReplyDeleteकॉंग्रेस तो है ही ऐसी...
ReplyDeleteक्या नही किया है इसने सत्ता मे रहने के लिए...
अब अगर अमर सिह इसका फ़ायदा उठा रहा है तो बुरा क्या है...
अरे जनता के प्रतिनिधियों, कुछ तो शर्म करो... एक बार तो देश के लिए काम करो...
कितना भरोगे आपना पॉकेट... और पॉकेट भेरने के बाद भी कहोगे की मेरे पास तो कार भी नही है... और वो भी बेशेर्मों की तरहा जनता के सामने..
बाबू ये पब्लिक है सब जानती है.... काठ की हांड़ी बार बार नही चढ़ेगी....
खग ही जाने खग की भाषा!
ReplyDeleteFantastic!!!
ReplyDeleteAakhir "Wo Chup Naa Rah Sakaa".
सब एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं..कोई ऐसे गोल और कोई वैसे गोल..छलनी पूछे सूपा से, तुझमें कितने छेद!!
ReplyDelete@ Desh Premi : Congress is back :P
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