Friday, September 19, 2008

शहीदों की उम्र कम होती है पर जिंदगी बड़ी

दिल्ली पुलिस के इन्सपेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा आज आतंकवादियों से मुकाबला करते हुये शहीद हो गये. वो इस एनकाउन्टर को आगे से लीड कर रहे थे, आतंकियों की संख्या और असले की फिक्र करे बिना भिड़ गये, और चार गोलियों झेलीं.

इस जाबांज सिपाही ने अब तक 35 आतंकवादियों को ढेर किया, और 85 आतंकियों को कानून के हाथों तक पहुंचाया. इनके बारे में कहते थे कि इन्हें आतंकियों को पकड़ने में महारत है.

ऐसे शानदार आफिसर का जाना दिल्ली और देश के लिये बड़ा दुख है.

हमीं जांनिसार हैं हिन्द के, हमीं दिलफिगार हैं हिन्द के
हमें पास महरो-वफा का है, उन्हें जान दे के दिखा दिया
(खलीक)

इन्हें नमन.

कुछ ज्यादा कह नहीं पा रहा. शब्द नहीं मिलते.

5 comments:

  1. शहीद जांबाज को नमन एवं श्रृद्धांजलि!!!

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  2. इन्सपेक्टर मोहन चन्द्र शर्मा भारत के इतिहास में सदैव अमर रहेंगे। उन्हें भाव श्रद्धांजलि।

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  3. Lets hope his family is taken care of by the Govt. Now, where r those bastard manvadhikar vaale ? wat do they say about the martyr's family's humanrights?

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  4. पूरे देश की आँखे नम है .....

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