Thursday, September 25, 2008

'नरेन्दर मोदी को अगर सजा मिल गया होता, तो आज टरेरिस्ट बने हैं जो नौजवान... वो नहीं होता'

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सरकार किनकी धर-पकड़ कर रही है? काहे का पोटा, और काहे का सुरक्षा बल, इस पूरी समस्या का हल तो लालू प्रसाद यादव ने बता दिया है. सीधे नरेन्द्र मोदी को पकड़ कर फांसी पर चढ़ा दो, आतंकवाद की समस्या हल है जी!

शीर्षक के उद्गार लालू प्रसाद ने जी-टीवी को दी गई अपनी बाइट में कहे हैं. मौका था जस्टिस नानावटी के छ: साली जांच की शुरुआती रपट का. जिसमें बताया गया है कि उस घटना के लिये नरेन्द्र मोदी नहीं, गोधरा का ही एक मौलवी जिम्मेदार है. 140 लीटर पैट्रोल खरीदा गया था उन मर्दों, औरतों और बच्चों को जिंदा जलाने के लिये. क्या कूवत थी उस आग में. इतनी सही जगह लगी की पूरा गुजरात जल उठा.

बहरहाल बात करें लालू के 'नरेन्दर मोदी' की. क्या बात कही है बिहारी बाबू ने. नाहक मोहन चन्द्र शर्मा ने जान गवायीं आतंकवादियों को पकड़ने में. कह देते - नहीं भाई, आप तो नरेन्द्र मोदी को पकड़िये, सारे आतंकवादी खुद ही आत्म समर्पण कर देंगे.

लालू जैसे देशहित के चिंतक हैं हमारे देश में, जो मामले की तह तक जाते हैं. ये अदालतें, पुलिस, जांच एजेंसियां सब बेबात हैं. दुख है कि लालू रेल मंत्री हुये, गृह मंत्री न हुये. वरना अब तक करवा देते 'नरेन्दर मोदी' का एनकाउन्टर की लाओ, टंटा ही समेटें.

कृपा है लालू जी की इन 'नौजवानों' का इलाज उन्होंने बता दिया. अब आप सबसे पढ़ने वालों से विनती है कि जरा लालू जी से अपील करिये कि ये भी बता दें की कश्मीर में जो 'नौजवान' आतंकवाद में लगे हैं, उन्हें सही राह पर लाने के लिये किसको सजा 'मिलना' चाहिये. किसे चढ़ायें फांसी पर? अटल बिहारी को? आडवाणी को?

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मन की कड़वाहट शब्दों से क्या बयां कर पाऊंगा. कौन से शब्द लाऊं, कहां से लाऊं जो उस घृणा, उस वितृष्णा, उस बेचारगी, उस कसक को बयां करें जो इस समय महसूस हो रही है.

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पता नहीं नरेन्द्र मोदी ने गुजरात में क्या किया. पता नहीं कितना दोषी है वह. बस यह पता है कि इस तरह आतंकवादियों के कृत्यों का औचित्य निकाल कर उन्हें शह देना दर्दनाक है.

12 comments:

  1. लालू जी तो गोधरा पर कमेटी बनाकर अपने मुताबिक एक रिपोर्ट भी तैयार करवा लिए थे. पता नहीं किस डस्टबिन में गयी वो. ये इस देश का दुर्भाग्य है या हम लोगों की अकर्मण्यता जो ऐसे लोगों को झेलने पर विवश हैं.

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  2. लालू जी को तो सिर्फ़ राजनीती करनी है उन्हें क्या लेना आतंकवाद से , और गुजरात में नरेन्द्र मोदी ने तो किसी से कहा नही था गोधरा कांड करने को , जब कुछ करोगे तो प्रतिक्रिया भुगतने को भी तेयार रहो भाई |
    रही नरेन्द्र मोदी के लिए सजा कि बात तो लालू जी पहले अपना चारा तो याद करले

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  3. शेखावत जी,

    क्रिया और प्रतिक्रिया, दोनों में ही बेगुनाह हलाक हुये.

    ये बदला भी क्या बदला है जिसमें दोषी बचे रहे और निर्दोषों को सजा मिली.

    नहीं, यह सही नहीं है.

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  4. चारा चोर लालू तो कुटिल विदूषक है
    भारत की बदकिस्मती है कि एसे लोग जेलों के बजाय संसद में हैं

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  5. विश्व जी में गुजरात में हुयी प्रतिक्रिया का समर्थन नही कर रहा हूँ में तो सिर्फ़ बता रहा हूँ कि क्रिया की प्रतिक्रिया भी होती ही है ये तो क्रिया करने वालों को सोचना चाहिए था कि ऐसी करतूतों का भीषण अंजाम हो सकता है खैर वे क्यों सोचेंगे उनका प्लान तो गुजरात में दंगे कराना ही था जो हो गए थे , लेकिन बुराई का ठिकरा सिर्फ़ मोदी के सिर ही क्यों ?

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  6. इन उल्लुओं से इससे ज्यादा की उम्मीद भी न करें.

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  7. तुमको हम सबको बेंच डालेंगे.
    मसखरे देश क्या संभालेंगे.
    ये तो आतंकियों के ससुरे हैं,
    घर जमाई उन्हें बना लेंगे.
    आप परेशान क्यों हो रहे हैं अभी तो आतंकियों के साले सालियां भी एक सुर में हुआं हुआं करेंगे.देखते जाइये.

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  8. Hamare desh men ek hi lalu nahin hain, amar singh, mulayam, paswan ye sab ek hi thaili ke chatte batte hain. yah hamara durbhagya hi hai ki hamen inhen jhelna padta hai. main bhi gujrat ke dangon ki vakalat nahin karta parantu yah bhi such hai ki godhara aur godhra ke bad ke dangon ko alag alag nazariye se dekhenge to nirdoshon ko hi bhugatna padega.Agar lalu kuchh bhi bol sakte hain to narendra modi ko bolane se kaise roka ja sakta hai ?

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  9. देश का दूर्भाग्य है और कुछ नहीं.

    लालू, पासवान, मुलायम सभी एक जगह इक्कठा हुए सरकार चला रहें है.

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  10. यह कहना कुछ ऐसा ही है कि यदि चारा चोर को सजा मिल गया होता तो देश में भ्रष्टाचार खत्म हो गया होता :) :) सेकुलर लोग बतायेंगे कि शहाबुद्दीन और तस्लीमुद्दीन को शह देने वाले ये महानुभाव कितने महान हैं… जय सेकुलरिज़्म…

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  11. ये लालू यादव क्या कहेंगे बिहार को 15 साल तक बेचकर अपनी राजनीति की दुकान चमकाते रहे . लालू जी जरा इन सवालों के जवाब दे 9 करोड़ की आबादी फिर भी बिहार मे सेंट्रल यूनिवर्सिटी क्यो नही क्यो नही आईआईएम या आईआईटी या निफ्ट की कोई ब्रांच नही 9 करोड़ की आबादी क्यो नही एम्स जैसे कोई हास्पीटल नही.इन्ही जैसे राजनेताओं ने बिहार का बेड़ा गर्क किया है नरेंद्र मोदी जैसा सीएम हरेक स्टेट को चाहिए केवल भारत मे ही नही पूरे विश्व मे मोदी जी के करोड़ो समर्थक है और हमे गर्व है कि देश मे मोदी जैसे नेता है मैने बिहार का जिक्र इसलिए किया है क्योकि मै बिहारी हूं और वहां की पीड़ा को भली भांति समझता हूं

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